जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : बरसात के दिनों में कीचड़ से लवरेज हो जाने वाला भैंसठ- सिंघिया संपर्क मार्ग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाला पांच सौ मीटर लंबा यह लिंक मार्ग आज भी कच्चा है। नतीजतन बरसात के दिनों में ग्रामीणों को पिच मार्ग पर पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
बांसी-इटवा मार्ग पर पड़ने वाले आधा दर्जन गांवों का सफर बरसात में फिर नरकीय हो जायेगा। भैंसठ-सिंघिया गांव से होकर तेलौरा, बनौली, डड़वाघाट, मेचुका, जाल्हेखोर आदि आधा दर्जन गांवों को पिच मार्ग से जोड़ने वाला यह मार्ग कच्चा होने से बरसात के दिनों में इधर से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। लोग गोल्हौरा थाना व न्याय पंचायत पर पहुंचने के लिए आठ किमी का चक्कर काटते हैं। जबकि यह मार्ग मात्र पांच सौ मीटर तक पिच हो जाये तो लोग एक किमी की दूरी तय कर भैंसठ से होकर गये पिच मार्ग से सीधे जुड़ जायें। गेल्हई प्रसाद, जाला दूबे, इंद्रमणि, हृदय प्रसाद, बाबू लाल, मोहित दूबे, परमात्मा प्रसाद, विरेन्द्र आदि ग्रामीणों की मानें तो हर बार चुनाव में नेताओं द्वारा मार्ग पिच कराने का सपना दिखा वोट तो ले लिया जाता है, पर चुनाव बाद लोग भूल जाते हैं। प्रत्याशियों के वादों से छले जाते रहे ग्रामीणों में अब इसको लेकर आक्रोश व्याप्त हो रहा है।
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