Thursday 26 June 2014

विकास कहां हुआ, सल्टौआ के लोग नहीं जानते


जागरण संवाददाता, बस्ती : देश व प्रदेश की सरकारें विकास का दावा करते नहीं थक रही हैं। मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ब्लाक मुख्यालय के गांव सल्टौआ में आज भी तीन परिवारों के लगभग दो दर्जन लोग घास फूस से बनी झोपड़ी में रहने को विवश हैं।
सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के सल्टौआ गांव में आजादी के छह दशकों बाद भी विकास की किरण नहीं पहुंच सकी है। गांव के तीन परिवार दयाशंकर श्रीवास्तव पुत्र राजकुमार श्रीवास्तव, मंगरे पुत्र बलिकेश्वर व श्याम लाल पुत्र शंकर का परिवार घास फूस से बनाई गई झोपड़ी में जीवन यापन करने को मजबूर है। इन परिवारों द्वारा छोटी- छोटी छप्पर की झोपड़ी बना कर अपने बाल बच्चों के साथ मुफलिसी में जीवन काटा जा रहा है। इन परिवारों द्वारा बताया गया कि आवास के लिए दर्जनों बार ब्लाक मुख्यालय से लगायत जिले के जिम्मेदारों से फरियाद की गयी मगर कहीं से भी न्याय नहीं मिल सका । दयाशंकर के साथ पांच बच्चे व पत्‍‌नी, मंगरे पत्‍‌नी व छह बच्चे, श्याम लाल अपनी पत्‍‌नी व आठ बच्चों के साथ वर्षों से विकास की बांट जोह रहे हैं। ये तीनों परिवार भूमिहीन भी हैं। इन परिवारों ने बताया कि बरसात के मौसम में इन्हें कभी -कभी खुले आसमान के नीचे भी रात काटनी पड़ती है। वैसे देखा जाय तो पूरा गांव जल निकासी की समस्या से जूझ रहा है । गांव में इंडिया मार्क हैंड पंपों का बेहद अकाल है। लोग प्यास छोटे- छोटे हैंड पम्पों से बुझाते हैं। गांव के सभी सम्पर्क मार्ग बदहाल हो चुके हैं। गांव के बाहर निर्मित सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं। क्यों कि शौचालय क ो चारों तरफ से बाउंड्रीवाल से पैक कर दिया गया है। इन बेघर परिवारों के पास बीपीएल कार्ड भी नही है। जिससे उन्हें अपने परिवार को पालने में दुश्वारियों से हर दिन दो चार होना पड़ता है।
गांव के कृपाशंकर श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव,संजय यादव,मनोज मिश्र का कहना हैकि देश एंव प्रदेश की सरकारें विकास के दावे हमेशा करती हैं मगर आज भी गरीब हर तरफ से मारा जा रहा है। जहां साधन संपन्न लोगों को बीपीएल योजना का लाभ दे दिया जाता है वहीं पात्र परिवारों को इसके लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। सल्टौआ गांव के नव निर्वाचित ग्राम प्रधान राम लाल यादव का कहना है कि पात्र परिवारों को आवास दिलाये जाने का प्रयास किया जाएगा।
बीपीएल सूची में जिन परिवारों का नाम है उन्हीं को आवास दिये जाने का प्रावधान है। वैसे बीपीएल परिवारों की दूसरी सूची आने वाली है। फिर भी इन परिवारों के लिए कुछ न कुछ किया जाएगा।
महेंद्र पांडेय, खंड विकास अधिकारी सल्टौआ गोपालपुर
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/basti-11426259.html

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